भारतीय प्रेस परिषद: एक विस्तृत अवलोकन
नमस्ते दोस्तों! अगर आप पत्रकारिता के छात्र हैं या ब्लॉगिंग में रुचि रखते हैं, तो भारतीय प्रेस परिषद (Press Council of India - PCI) के बारे में जानना आपके लिए बेहद महत्वपूर्ण है। यह संस्था प्रेस की स्वतंत्रता की रक्षा करती है और पत्रकारिता के मानकों को बनाए रखने में अहम भूमिका निभाती है। इस ब्लॉग पोस्ट में, हम PCI के बारे में सबकुछ विस्तार से चर्चा करेंगे - इतिहास से लेकर कार्यों, शक्तियों, संरचना और नवीनतम अपडेट तक। यह जानकारी विशेष रूप से पत्रकारिता छात्रों के लिए तैयार की गई है, ताकि आप इसे अपनी पढ़ाई या असाइनमेंट में उपयोग कर सकें। चलिए शुरू करते हैं!
PCI का इतिहास और स्थापना
भारतीय प्रेस परिषद की स्थापना 1966 में राष्ट्रपति के आदेश से की गई थी, लेकिन इसे 1978 के प्रेस परिषद अधिनियम (Press Council Act, 1978) के तहत 1979 में पुनर्स्थापित किया गया। यह अधिनियम समय-समय पर संशोधित किया गया है ताकि परिषद की भूमिका को मजबूत किया जा सके। PCI एक वैधानिक और अर्ध-न्यायिक संस्था है, जो प्रेस की स्वतंत्रता को सुनिश्चित करने के लिए बनाई गई है।
प्रारंभ में, यह प्रेस की नैतिकता और स्वतंत्रता पर ध्यान केंद्रित करती थी, और आज यह भारत में प्रिंट मीडिया के नियमन का शीर्ष निकाय है। पत्रकारिता छात्रों के लिए यह जानना जरूरी है कि PCI का गठन आपातकाल के बाद की स्थिति में प्रेस की रक्षा के लिए किया गया था। यह लोकतंत्र की चौथी स्तंभ को मजबूत बनाने का एक महत्वपूर्ण कदम था।
PCI के उद्देश्य
PCI के मुख्य उद्देश्य निम्नलिखित हैं:
प्रेस की स्वतंत्रता की रक्षा करना: यह संस्था प्रेस को सरकारी हस्तक्षेप से बचाती है और पत्रकारों को जिम्मेदार बनाती है।
समाचार पत्रों और समाचार एजेंसियों के मानकों को बनाए रखना और सुधारना: PCI पत्रकारिता में उच्च गुणवत्ता सुनिश्चित करती है।
पत्रकारिता में नैतिकता को बढ़ावा देना और शिकायतों का निष्पक्ष निपटारा करना: यह प्रेस को एक स्व-नियामक निकाय के रूप में देखती है।
छात्रों के लिए, यह समझना महत्वपूर्ण है कि PCI प्रेस को लोकतंत्र की चौथी स्तंभ की मजबूती सुनिश्चित करती है। यह उद्देश्य पत्रकारिता के नैतिक सिद्धांतों को समझने में मदद करते हैं।
PCI की संरचना और सदस्यता
PCI की संरचना में एक अध्यक्ष और कुल 28 अन्य सदस्य शामिल होते हैं। अध्यक्ष आमतौर पर सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश होते हैं - वर्तमान में श्रीमती न्यायमूर्ति रंजना प्रकाश देसाई इस पद पर हैं।
सदस्यों की संरचना इस प्रकार है:
20 सदस्य: कार्यरत पत्रकारों (संपादकों) से।
6 सदस्य: समाचार पत्रों के मालिकों या प्रबंधकों से।
1 सदस्य: समाचार एजेंसी से।
5 सदस्य: संसद से नामांकित (लोकसभा से 3, राज्यसभा से 2)।
अन्य सदस्य: शिक्षा, कानून या संस्कृति के क्षेत्र से।
वर्तमान में 15वें कार्यकाल के लिए सदस्यों के पैनल अधिसूचित किए गए हैं, और पुनर्गठन की प्रक्रिया चल रही है। छात्रों के लिए, यह जानना उपयोगी है कि सदस्यों का चयन विभिन्न संघों द्वारा किया जाता है, जो प्रेस की विविधता को दर्शाता है। इससे आपको मीडिया की प्रतिनिधित्व प्रक्रिया समझने में मदद मिलेगी।
PCI के कार्य और शक्तियां
PCI के प्रमुख कार्य निम्न हैं:
शिकायतों का निपटारा: समाचार पत्रों और एजेंसियों के खिलाफ शिकायतों का समाधान।
दिशानिर्देश जारी करना: पत्रकारिता के मानकों पर गाइडलाइन्स।
रिपोर्ट तैयार करना: प्रेस की स्वतंत्रता पर रिपोर्ट।
निगरानी: चुनावों के दौरान पेड न्यूज, पूर्व मतदान/एग्जिट पोल पर।
शक्तियां अर्ध-न्यायिक हैं: यह चेतावनी, निंदा या सेंसर जारी कर सकती है, माफी मांगने या सुधार प्रकाशित करने का आदेश दे सकती है। हालांकि, यह जुर्माना या कानूनी सजा नहीं दे सकती। पत्रकारिता छात्रों के लिए, PCI के कार्यों का अध्ययन केस स्टडी के रूप में उपयोगी है, जैसे कि चुनावी दिशानिर्देश जहां यह मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट का पालन सुनिश्चित करती है।
PCI की सीमाएं
PCI की शक्तियां सीमित हैं:
यह केवल प्रिंट मीडिया पर लागू होती है, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर नहीं।
यह सलाहकारी है, न कि दंडात्मक, इसलिए इसके फैसलों का पालन अनिवार्य नहीं है।
छात्रों को पता होना चाहिए कि PCI की प्रभावशीलता प्रेस की स्वैच्छिक भागीदारी पर निर्भर करती है, और कई बार इसे मजबूत बनाने की मांग उठती है। यह सीमाएं मीडिया कानून के अध्ययन में महत्वपूर्ण हैं।
PCI की प्रमुख गतिविधियां
PCI शिकायतों का प्रबंधन करती है: 2022-23 में 1155 नई शिकायतें प्राप्त हुईं। यह स्व-मोटो कार्रवाई भी करती है, जैसे कि मुद्रा नोटों पर झूठी खबरों या विज्ञापनों में भ्रामक सामग्री पर।
चुनावों में पेड न्यूज पर दिशानिर्देश जारी करती है, जैसे कि बिहार विधानसभा चुनाव, विभिन्न राज्यों में उपचुनाव, और दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के लिए। छात्रों के लिए, मासिक आंकड़े और अधिनिर्णय रिपोर्ट अध्ययन सामग्री के रूप में उपलब्ध हैं।
पत्रकारिता के मानक और दिशानिर्देश
PCI द्वारा जारी 'Norms of Journalistic Conduct-2022' पत्रकारिता की नैतिकता को परिभाषित करता है। इसमें पेड न्यूज, गोपनीयता, निष्पक्षता आदि शामिल हैं। उदाहरण: चुनावों में सेक्शन 126A का पालन।
छात्रों को इन मानकों का पालन सीखना चाहिए, क्योंकि ये प्रोफेशनल करियर में महत्वपूर्ण हैं। यह दस्तावेज़ PCI की वेबसाइट पर उपलब्ध है।
पत्रकारिता छात्रों के लिए उपयोगी जानकारी
PCI पत्रकारिता छात्रों के लिए इंटर्नशिप प्रोग्राम चलाती है, जैसे कि ऑटम इंटर्नशिप प्रोग्राम (AIP) 2025, जिसके लिए आवेदन आमंत्रित किए गए हैं। चयनित इंटर्न्स की सूची उपलब्ध है, और कार्यक्रम को पुनर्निर्धारित किया गया है।
छात्र अपनी पढ़ाई में PCI की रिपोर्ट्स और गाइडलाइन्स का उपयोग कर सकते हैं। ब्लॉगर्स के लिए, यह प्रेस नैतिकता सीखने का स्रोत है। आवेदन के लिए आधिकारिक वेबसाइट देखें।
नवीनतम अपडेट (नवंबर 2025 तक)
लेवी फीस: 03.11.2025 को समाचार पत्रों/पत्रिकाओं के प्रकाशकों को नोटिस जारी।
2025-26 की मांग: अग्रिम/बकाया समायोजन के बाद मांग उठाई गई।
ASO परीक्षा 2025: 04.05.2025 को आयोजित परीक्षा के अंक, प्रश्न पत्र और उत्तर कुंजी प्रकाशित।
राष्ट्रीय प्रेस दिवस 2025: घोषणा जारी।
चुनाव सलाह: दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के लिए मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट पर सलाह।
विज्ञापन: भ्रामक सामग्री पर स्व-मोटो कार्रवाई, जैसे मलयाला मनोरमा पर।
15वें कार्यकाल: पुनर्गठन बैठक और पैनल अधिसूचना।
ये अपडेट PCI की सक्रियता दर्शाते हैं।
निष्कर्ष
भारतीय प्रेस परिषद लोकतंत्र की रक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। पत्रकारिता छात्रों के लिए, यह नैतिकता और स्वतंत्रता का सबक है। अधिक जानकारी के लिए PCI की आधिकारिक वेबसाइट (presscouncil.nic.in) देखें। अगर आपके कोई सवाल हैं, तो कमेंट में बताएं!
यह पोस्ट पत्रकारिता छात्रों और ब्लॉगर्स के लिए तैयार की गई है। स्रोत: Press Council of India आधिकारिक वेबसाइट।# भारतीय प्रेस परिषद: एक विस्तृत अवलोकन
नमस्ते दोस्तों! अगर आप पत्रकारिता के छात्र हैं या ब्लॉगिंग में रुचि रखते हैं, तो भारतीय प्रेस परिषद (Press Council of India - PCI) के बारे में जानना आपके लिए बेहद महत्वपूर्ण है। यह संस्था प्रेस की स्वतंत्रता की रक्षा करती है और पत्रकारिता के मानकों को बनाए रखने में अहम भूमिका निभाती है। इस ब्लॉग पोस्ट में, हम PCI के बारे में सबकुछ विस्तार से चर्चा करेंगे - इतिहास से लेकर कार्यों, शक्तियों, संरचना और नवीनतम अपडेट तक। यह जानकारी विशेष रूप से पत्रकारिता छात्रों के लिए तैयार की गई है, ताकि आप इसे अपनी पढ़ाई या असाइनमेंट में उपयोग कर सकें। चलिए शुरू करते हैं!
PCI का इतिहास और स्थापना
भारतीय प्रेस परिषद की स्थापना 1966 में राष्ट्रपति के आदेश से की गई थी, लेकिन इसे 1978 के प्रेस परिषद अधिनियम (Press Council Act, 1978) के तहत 1979 में पुनर्स्थापित किया गया। यह अधिनियम समय-समय पर संशोधित किया गया है ताकि परिषद की भूमिका को मजबूत किया जा सके। PCI एक वैधानिक और अर्ध-न्यायिक संस्था है, जो प्रेस की स्वतंत्रता को सुनिश्चित करने के लिए बनाई गई है।
प्रारंभ में, यह प्रेस की नैतिकता और स्वतंत्रता पर ध्यान केंद्रित करती थी, और आज यह भारत में प्रिंट मीडिया के नियमन का शीर्ष निकाय है। पत्रकारिता छात्रों के लिए यह जानना जरूरी है कि PCI का गठन आपातकाल के बाद की स्थिति में प्रेस की रक्षा के लिए किया गया था। यह लोकतंत्र की चौथी स्तंभ को मजबूत बनाने का एक महत्वपूर्ण कदम था।
PCI के उद्देश्य
PCI के मुख्य उद्देश्य निम्नलिखित हैं:
प्रेस की स्वतंत्रता की रक्षा करना: यह संस्था प्रेस को सरकारी हस्तक्षेप से बचाती है और पत्रकारों को जिम्मेदार बनाती है।
समाचार पत्रों और समाचार एजेंसियों के मानकों को बनाए रखना और सुधारना: PCI पत्रकारिता में उच्च गुणवत्ता सुनिश्चित करती है।
पत्रकारिता में नैतिकता को बढ़ावा देना और शिकायतों का निष्पक्ष निपटारा करना: यह प्रेस को एक स्व-नियामक निकाय के रूप में देखती है।
छात्रों के लिए, यह समझना महत्वपूर्ण है कि PCI प्रेस को लोकतंत्र की चौथी स्तंभ की मजबूती सुनिश्चित करती है। यह उद्देश्य पत्रकारिता के नैतिक सिद्धांतों को समझने में मदद करते हैं।
PCI की संरचना और सदस्यता
PCI की संरचना में एक अध्यक्ष और कुल 28 अन्य सदस्य शामिल होते हैं। अध्यक्ष आमतौर पर सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश होते हैं - वर्तमान में श्रीमती न्यायमूर्ति रंजना प्रकाश देसाई इस पद पर हैं।
सदस्यों की संरचना इस प्रकार है:
20 सदस्य: कार्यरत पत्रकारों (संपादकों) से।
6 सदस्य: समाचार पत्रों के मालिकों या प्रबंधकों से।
1 सदस्य: समाचार एजेंसी से।
5 सदस्य: संसद से नामांकित (लोकसभा से 3, राज्यसभा से 2)।
अन्य सदस्य: शिक्षा, कानून या संस्कृति के क्षेत्र से।
वर्तमान में 15वें कार्यकाल के लिए सदस्यों के पैनल अधिसूचित किए गए हैं, और पुनर्गठन की प्रक्रिया चल रही है। छात्रों के लिए, यह जानना उपयोगी है कि सदस्यों का चयन विभिन्न संघों द्वारा किया जाता है, जो प्रेस की विविधता को दर्शाता है। इससे आपको मीडिया की प्रतिनिधित्व प्रक्रिया समझने में मदद मिलेगी।
PCI के कार्य और शक्तियां
PCI के प्रमुख कार्य निम्न हैं:
शिकायतों का निपटारा: समाचार पत्रों और एजेंसियों के खिलाफ शिकायतों का समाधान।
दिशानिर्देश जारी करना: पत्रकारिता के मानकों पर गाइडलाइन्स।
रिपोर्ट तैयार करना: प्रेस की स्वतंत्रता पर रिपोर्ट।
निगरानी: चुनावों के दौरान पेड न्यूज, पूर्व मतदान/एग्जिट पोल पर।
शक्तियां अर्ध-न्यायिक हैं: यह चेतावनी, निंदा या सेंसर जारी कर सकती है, माफी मांगने या सुधार प्रकाशित करने का आदेश दे सकती है। हालांकि, यह जुर्माना या कानूनी सजा नहीं दे सकती। पत्रकारिता छात्रों के लिए, PCI के कार्यों का अध्ययन केस स्टडी के रूप में उपयोगी है, जैसे कि चुनावी दिशानिर्देश जहां यह मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट का पालन सुनिश्चित करती है।
PCI की सीमाएं
PCI की शक्तियां सीमित हैं:
यह केवल प्रिंट मीडिया पर लागू होती है, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर नहीं।
यह सलाहकारी है, न कि दंडात्मक, इसलिए इसके फैसलों का पालन अनिवार्य नहीं है।
छात्रों को पता होना चाहिए कि PCI की प्रभावशीलता प्रेस की स्वैच्छिक भागीदारी पर निर्भर करती है, और कई बार इसे मजबूत बनाने की मांग उठती है। यह सीमाएं मीडिया कानून के अध्ययन में महत्वपूर्ण हैं।
PCI की प्रमुख गतिविधियां
PCI शिकायतों का प्रबंधन करती है: 2022-23 में 1155 नई शिकायतें प्राप्त हुईं। यह स्व-मोटो कार्रवाई भी करती है, जैसे कि मुद्रा नोटों पर झूठी खबरों या विज्ञापनों में भ्रामक सामग्री पर।
चुनावों में पेड न्यूज पर दिशानिर्देश जारी करती है, जैसे कि बिहार विधानसभा चुनाव, विभिन्न राज्यों में उपचुनाव, और दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के लिए। छात्रों के लिए, मासिक आंकड़े और अधिनिर्णय रिपोर्ट अध्ययन सामग्री के रूप में उपलब्ध हैं।
पत्रकारिता के मानक और दिशानिर्देश
PCI द्वारा जारी 'Norms of Journalistic Conduct-2022' पत्रकारिता की नैतिकता को परिभाषित करता है। इसमें पेड न्यूज, गोपनीयता, निष्पक्षता आदि शामिल हैं। उदाहरण: चुनावों में सेक्शन 126A का पालन।
छात्रों को इन मानकों का पालन सीखना चाहिए, क्योंकि ये प्रोफेशनल करियर में महत्वपूर्ण हैं। यह दस्तावेज़ PCI की वेबसाइट पर उपलब्ध है।
पत्रकारिता छात्रों के लिए उपयोगी जानकारी
PCI पत्रकारिता छात्रों के लिए इंटर्नशिप प्रोग्राम चलाती है, जैसे कि ऑटम इंटर्नशिप प्रोग्राम (AIP) 2025, जिसके लिए आवेदन आमंत्रित किए गए हैं। चयनित इंटर्न्स की सूची उपलब्ध है, और कार्यक्रम को पुनर्निर्धारित किया गया है।
छात्र अपनी पढ़ाई में PCI की रिपोर्ट्स और गाइडलाइन्स का उपयोग कर सकते हैं। ब्लॉगर्स के लिए, यह प्रेस नैतिकता सीखने का स्रोत है। आवेदन के लिए आधिकारिक वेबसाइट देखें।
नवीनतम अपडेट (नवंबर 2025 तक)
लेवी फीस: 03.11.2025 को समाचार पत्रों/पत्रिकाओं के प्रकाशकों को नोटिस जारी।
2025-26 की मांग: अग्रिम/बकाया समायोजन के बाद मांग उठाई गई।
ASO परीक्षा 2025: 04.05.2025 को आयोजित परीक्षा के अंक, प्रश्न पत्र और उत्तर कुंजी प्रकाशित।
राष्ट्रीय प्रेस दिवस 2025: घोषणा जारी।
चुनाव सलाह: दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के लिए मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट पर सलाह।
विज्ञापन: भ्रामक सामग्री पर स्व-मोटो कार्रवाई, जैसे मलयाला मनोरमा पर।
15वें कार्यकाल: पुनर्गठन बैठक और पैनल अधिसूचना।
ये अपडेट PCI की सक्रियता दर्शाते हैं।
निष्कर्ष
भारतीय प्रेस परिषद लोकतंत्र की रक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। पत्रकारिता छात्रों के लिए, यह नैतिकता और स्वतंत्रता का सबक है। अधिक जानकारी के लिए PCI की आधिकारिक वेबसाइट (presscouncil.nic.in) देखें। अगर आपके कोई सवाल हैं, तो कमेंट में बताएं!
यह पोस्ट पत्रकारिता छात्रों और ब्लॉगर्स के लिए तैयार की गई है। स्रोत: Press Council of India आधिकारिक वेबसाइट।

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