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प्रदेश के सभी शासकीय अग्रणी महाविद्यालयों को आदर्श महाविद्यालय के रूप में विकसित किया जायेगा

उच्च शिक्षा मंत्री Dr Mohan Yadav ने समीक्षा बैठक ली
प्रदेश के सभी शासकीय अग्रणी महाविद्यालयों को आदर्श महाविद्यालय के रूप में विकसित किया जायेगा। जिला स्तर पर स्थित 52 अग्रणी महाविद्यालयों को आदर्श महाविद्यालय बनाया जायेगा। यह बात उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव ने विभागीय समीक्षा के दौरान कही। डॉ. यादव ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के परिप्रेक्ष्य में बहु विषयक एवं व्यावसायिक शिक्षा, इंटर्नशिप एवं शोध आदि के व्यापक दृष्टिकोण के साथ विद्यार्थियों के समग्र विकास के लिये यह निर्णय लिया गया है।
                 उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि आदर्श महाविद्यालय का स्वरूप मल्टी डिस्प्लिीनरी महाविद्यालय के रूप में विकसित होगा। इसमें व्यावसायिक शिक्षा के लिये स्किल लैब, वर्चुअल कक्षाओं का सीधा प्रसारण जिले के अन्य महाविद्यालयों से संबद्ध हो, ऐसी व्यवस्था होगी। आदर्श विद्यालय में स्मार्ट क्लास-रूम के माध्यम से अध्यापन व्यवस्था, ई-लाइब्रेरी, 100 प्रतिशत वाई-फाई कैम्पस, सोलर संयंत्र युक्त ग्रीन कैम्पस, सी.सी.टी.व्ही. युक्त परिसर आदि की भी व्यवस्था होगी। डॉ. यादव ने कहा कि आदर्श महाविद्यालयों की स्थापना का मुख्य उद्देश्य जिले वार विशेषताओं के आधार पर व्यावसायिक शिक्षा के लिये प्रशिक्षण केन्द्र विकसित करना और शिक्षक और विद्यार्थी के बहुआयामी व्यक्ति के निर्माण के लिये व्यापक तौर पर कार्य-योजना तैयार करना है।
               उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. यादव ने आदर्श महाविद्यालय के लिए वार्षिक कैलेण्डर तैयार करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि कैलेण्डर में विशेषज्ञों से संवाद, प्रतिष्ठित हस्तियों से वर्चुअल माध्यम से रूबरू होने का समावेश हो। डॉ. यादव ने कहा कि इससे विद्यार्थियों का मनोबल बढ़ेगा। इस अवसर पर प्रमुख सचिव, उच्च शिक्षा श्री अनुपम राजन, अपर आयुक्त उच्च शिक्षा श्री दीपक सिंह तथा अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।

Note यह समस्त खबर हायर एजुकेशन डिपार्टमेंट के ऑफिशियल फेसबुक पेज से ली गई है।

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